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आनंद विदित हरिकृष्णा :भारतीय शतरंज त्रिमूर्ति

by Niklesh Jain - 01/09/2020

भारतीय टीम की ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने की सफलता मे एक सबसे खास बात जो उभरकर सामने आई  वो है टीम के अंदर खिलाड़ियों के बीच शानदार माहौल ,टीम मे आपस मे एक खुलापन था और जहां सीनियर खिलाड़ी जूनियर खिलाड़ियों को बेहद सहयोग कर रहे थे और उनका आत्मविश्वास बढ़ा रहे थे तो जूनियर खिलाड़ी सीनियर का सम्मान करते हुए अपनी ज़िम्मेदारी भी निभा रहे थे । पुरुष वर्ग मे वैसे तो चार खिलाड़ी थे पर हम चर्चा कर रहे है भारतीय टीम की त्रिमूर्ति की ,हिन्दी अखबार पंजाब केसरी मे आज इन पर एक लेख प्रकाशित किए । आइये पढे यह लेख 




विश्वनाथन आनंद  - 5 बार विश्व खिताब जीतने के बाद यह खिताब कितना मायने रखता है इस सवाल के जबाब मे आनंद नें कहा

“ ओलंपियाड मे पदक जीतना मेरे लिए बहुत खास है । टीम का हिस्सा होकर इसे जीतने पर जो रोमांच और ऊर्जा महसूस हो रही है मुझे ये बहुत अच्छा लग रहा है ,इतने सारे खिलाड़ियों का एक साथ आना और एक लक्ष्य के लिए काम करना ये बहुत ही प्रेरणा देने वाला था खासतौर पर इस कोविड 19 के मुश्किल समय मे ,पिछले कुछ समय मे यह मेरा सबसे बड़ा सामाजिक कार्यक्रम बन गया । निश्चित तौर विश्व शतरंज ओलंपियाड का पदक जीतना मेरे खेल जीवन मे जीते गए खिताबों की अलमारी मे एक बेहद खास स्थान लेगा, यह एक यादगार क्षण है !


कप्तान विदित गुजराती – 25 वर्ष मे कप्तान बनकर कैसा महसूस किया और अनुभव कैसा था खिताब जीतने का

इसके जबाब मे विदित नें कहा की “ मुझे बेहद खुशी है और यह ना होती अगर हम स्वर्ण पदक ना जीतते ,अभी तक मैं उस एहसास से बाहर नहीं आया हूँ ,कल जीतने के बाद आज जब सोकर उठा तब अलग एहसास हुआ की हमने स्वर्ण पदक जीता है यह बेहद ही खास अनुभव है ,मुझे खुशी है की मैं अपने खेल और निर्णय से इसमें सहयोग कर पाया हूँ ,मुझे लगता है की कुछ समय के बाद हमें इसे जीतने की अहमियत का और एहसास होगा और याद रहेगा की इस टीम नें यह काम किया था , सबसे मुश्किल समय था सेमी फाइनल मे पोलैंड के खिलाफ अरमागोदेन का मुक़ाबला और मैं वो मैच जिसमें सारी ज़िम्मेदारी कोनेरु हम्पी के कंधो पर थी और मैं उनका दबाव महसूस कर सकता था ,

पेंटाला हरीकृष्णा – भारत की इस त्रिमूर्ति मे शामिल पेंटाला हरीकृष्णा यह सारे मुक़ाबले प्राग से खेल रहे थे उन्होने कहा की “ भारतीय टीम मे सबके साथ खेलना गर्व की बात है ,इससे पहले अधिकतर जब भी हम टीम मुक़ाबले खेलते थे अधिकतर पुरुष और महिला खिलाड़ी ही इसमें शामिल होते थे पर फीडे द्वारा इस बार जूनियर खिलाड़ियों को शामिल करना हमारे लिए शानदार बात साबित हुई और इस मिश्रण नें हमें शुरुआत से ही मजबूत टीम बना दिया था । पोलैंड के खिलाफ पहला मैच हारने के बाद में बहुत निराश हो गया था पर हमारी वापसी शानदार रही हम्पी की टाईब्रेक में जीत ,विदित की अच्छी कप्तानी और टीम के बीच तालमेल अच्छा रहा ,जूनियर खिलाड़ियों नें अनुभवी खिलाड़ियों की तरह प्रदर्शन किया और अगर आपकी टीम में आनंद हो तो खेलने का आनंद अलग हो होता है

 




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